The Problem
भारतीय कृषि क्षेत्र खंडित है, तथा इसमें एकीकृत प्रणाली का अभाव है जो खेती के सभी पहलुओं तक पहुंच सुनिश्चित करती हो।

किसानों की कमी
विश्वसनीय सलाह
Farmers rely on traditional knowledge, peer recommendations, and generic government advisories that don’t account for...
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Local soil conditions
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Unpredictable weather
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No third party to regulate disputes
किसानों को स्मार्ट, डेटा-समर्थित निर्णय लेने में मदद करने के लिए कोई एआई-संचालित, व्यक्तिगत सलाह नहीं है।
किराए पर उपलब्ध उपकरण
गड़बड़ है
उपकरण मालिकों को ऑर्डरों पर नज़र रखने, भुगतानों का प्रबंधन करने तथा अपने व्यवसाय को कुशलतापूर्वक चलाने में कठिनाई होती है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें वित्तीय नुकसान होता है।
ट्रैक्टर और कृषि उपकरण किराये पर लेना मौखिक बातचीत और अनौपचारिक सौदों पर निर्भर करता है
शेड्यूलिंग सिस्टम न होने का मतलब है पीक सीजन के दौरान देरी
अनुबंध न होने से अक्सर विवाद होते हैं और सेवा अविश्वसनीय हो जाती है
ऐसा कोई एकल मंच नहीं है जो उनकी सभी आवश्यकताओं को पूरा कर सके, जिसके परिणामस्वरूप अकुशलता, फसल की हानि और वित्तीय संघर्ष उत्पन्न होते हैं।
